Yantra

मंत्र-तंत्र-यन्त्र द्वारा समाधान...




आपका आने वाला समय मंगलमय हो और यह तभी संभव है जब आपके जीवन में आने वाली सभी प्रकार की समस्याए जैसे तंत्र बाधा ,बेरोजगारी ,संतान प्राप्ति ,दरिद्रता ,व्यापारिक समस्या आदि से मुक्ति प्राप्त कर सके| विशिष्ठ मंत्रो से तंत्र अर्थात विधि पूर्वक यन्त्र निर्माण से तुरंत लाभ मिलता है | यात्रा के समय जो वाहन(कार) चला रहे है , ठंडी में गर्मी व गर्मी में ए सी द्वारा ठंडी मिलती है , जो आपको सुखी व आनंदित करता है कार बनाने के बारे में सोचा गया,यह मंत्र है, कैसे बनेगी यह तंत्र है बन कर तैयार है यह यात्रा के लिए सुखद यन्त्र है । इसी विधि से आध्यत्मिक यन्त्र मनुष्य को आसुरी शक्तियों से बचाकर हमें सौर मंडल में शुभ उर्जा ग्रहण कर हमारे शरीर को देता है जिससे हम समस्या युक्त सुखी आनंदित जीवन जीते है ।

महालक्ष्मी यंत्र :-
महालक्ष्मी यंत्र स्थापित करने व उसकी नियमित रूप से पूजा करने से आप सभी तरह के कर्जो से मक्तिु पा सकते है। यदि आप भी कर्ज में फंसे हुए और इससे छुटकारा नहीं पा रहे है तो आज ही घर में महालक्ष्मी यंत्र की पूजा शुरू करें। महालक्ष्मी यंत्र पूजा निश्चित रूप से ही फल प्रदान करती है।
श्री यंत्र :-
ऐसी मान्यता है कि श्री यंत्र देवी लक्ष्मी को सबसे अधिक प्रिय है. इस यंत्र की उपस्थिति भर से देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.आप जहां भी श्री यंत्र को स्थापित करेंगी वहीं देवी लक्ष्मी का स्थाई निवास हो जाएगा. बहुत सारे लोग इसे तिजोरी या पूजा के मंदिर में रखते हैं.इससे वहां पर देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती हैं. श्री यंत्र रेखाओं और बिंदुओं से कई कोण बनाता है इस के कोणों में उतनी ही शक्ति समाहित होती हैं जितनी किसी पवित्र मंत्र में होती है. श्री यंत्र में 9 कोणों से मिल कर छोटे-छोटे 45 कोंण बनते हैं. इतना ही नहीं श्री यंत्र में कुल 9 चक्र होते हैं जो कि 9 देवियों का प्रतीक होते हैं.
हनुमान यंत्र :-
हिंदु शास्त्रों के अनसुार यंत्र को सर्वाधिक शक्ति शाली माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि यंत्र द्वारा किसी भी देवी-देवता की पूजा - आराधना करने से वह शीघ्र प्रसन्न हो जाते है। हनुमान यंत्र भी हनुमान जी का ही स्वरूप है, इस यंत्र द्वारा हनमुान जी की पूजा -अर्चन करने से वो शीघ्र प्रसन्न होते है और इनकी आप पर सदैव कृपा-दृष्टि बनी रहती है। पवनपत्रु हनमान को बजरंगबली के नाम से भी जाना जाता है। रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों में हनमुान जी का हमेशा निडर, मजबूत , शक्तिशाली और निसंदेह भक्ति के देवता के रूप में वर्णन किया गया है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति भगवान राम की पूजा करता है, उस पर हनुमान जी की कृपा हमेशा बनी रहती है।
बगलामुखी यंत्र :-
बगलामखुी यंत्र की स्थापना करने से आपकी सारी मुसीबते दूर हो जाती है। यह यंत्र आपको बुरी नजर और शत्रओु से सुरुक्षा प्रदान करता है। अगर आप किसी काननू की मामले में फंसे है, तो यह यंत्र इस मामले में भी आपकी मदद करता है। बगलामुखी यंत्र आपको नकारात्मक ऊर्जा से दूर रखता है। सूर्य यंत्र :- सूर्य यंत्र का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसकी विधिवत साधना-पूजा करने से कभी असफलता का सामना नहीं करना पड़ता। सूर्य यंत्र से सरकारी काम काज, सरकारी नौकरी में लाभ होता है। कोर्ट-कचहरी या सरकारी मामलों में जीत मिलती है। हृदय और नेत्र रोग से पीड़ित लोगों को सूर्य यंत्र की पूजा से आश्चर्यजनक रूप से लाभ होता है।
चंद्र यंत्र :-
चंद्र यंत्रकी विधिवत पूजा कर स्थापना करने से मन को शांति मिलती है और मानसिक स्वास्थ मजबूत रहता है। चंद्र यंत्र धारण करने से व्यक्तित्व में निखार आता है। चंद्र यंत्र के माध्यम से चंद्र मजबतू करके डिप्रेशन, तनाव, मानसिक बीमारियों से काफी हद तक बचा जा सकता है। यह माता से आपके सबंधं सुधारता है। मंगल यंत्र :- मंगल यंत्र के शुभ प्रभाव से भाइयों और मित्रों के साथ सबंधं मधुर बने रहते हैं और जीवन में उन्नति मिलने के आसार बढ़ जाते हैं। इसके अतिरिक्त इस यंत्र का इस्तेमाल जादू टोने को दूर करने के लिए भी किया जाता है। मंगल यंत्र के शुभ प्रभाव से जातक के मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। बुध यंत्र :- बुध यंत्र को अपने घर में स्थापित करने से आपके जीवन में आ रही समस्त बाधाएं दूर हो जाती है। इस यंत्र के माध्यम से व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। यह यंत्र आपकी कुंडली में बुध के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए अत्यतं लाभकारी है।
गुरु यंत्र :-
गुरु यंत्र की पूजा करने से व्यक्ति को बहृस्पति देव की शक्तियां प्राप्त हो जाती हैं और उसे धन समृद्ध व्यापार कारोबार में लाभ प्राप्त होता है। गुरु यंत्र की पूजा उपासना करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है और सकारात्मक शक्ति का संचार होता है। छात्र तथा प्रतियोगी परीक्षा देने वाले लोगों के लिए गुरु यंत्र का प्रयोग लाभदायक सिद्ध होता है। इस यंत्र के पूजा अर्चन और स्थापना करने से शुभ प्रभाव पड़ता है जिससे जातक को मान सम्मान धन समृद्ध जीवन में सुख शांति प्राप्त होती है।
शुक्र यंत्र:-
शुक्र यंत्र को अपने घर में स्थापित करने से ये रिश्तों में मजबूती प्रदान करता है।इस यंत्र को स्थापित करने से शुक्र ग्रह के दुष्प्रभाव दूर होते है। यह यंत्र आपको मान-सम्मान, प्रेम, मानसिक शांति , सुन्दरता , नृत्य , संगीत और ललित कलाओ में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है। यह यंत्र आपको व्यापार में सही निर्णय लेने में भी सहायता करता है।यह यंत्रआपके जीवन में आ रही समस्याओं को भी दूर करता है।
शनि यंत्र:-
कुंडली में शनि देव के कुप्रभाव को कम करता है शनि यंत्र । शनि देव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए आप अपने पास हमेशा शनि यंत्र रखें। इस यंत्र में समाहित शक्‍ति से समाज में आपकी मान-प्रतिष्ठा बढ़ती है और लोग आपका सम्मान करने लगते हैं।व्यापार में सफल होना चाहते हैं तो आपको शनि यंत्र की स्थापना अपने ऑफिस में करनी चाहिए। इसके अलावा शनि के गोचर के दौरान जिन लोगों के घर या ऑफिस में शनि यंत्र होगा उन्हें शनि की वजह से कम से कम नुकसान झेलना पड़ेगा।
राहु यंत्र:-
जिन ब्यक्तियों की स्किन में रूखापन रहता है, निम्न सोच, जो पागलों जैसा वर्ताव करते हों, पिशाच बाधा से पीड़ित हों, या हो कुण्डली में पितृदोष , या स्वपन में मृत ब्यक्ति दिखाई देते हों या आपको लगता है कि किये कराये दोष है या व्यक्ति का मन की ओर आकर्षित हो रहा है या गुप्तांगो की कोई समस्या है उपरोक्त सभी समस्याओं से निपटने के लिए यह यंत्र धारण करना चाहिए | क्योंकि यह यन्त्र उपरोक्त सभी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है|
केतु यंत्र :-
जिन ब्यक्तियों को सफेद दाग, या कुष्ठ रोग, त्वचा रोग, मन सदा उदास रहना, निम्न श्रेणी के ब्यक्तियों से पीड़ा, बुद्धि का उपर्युक्त समय पर काम न करना आदि समस्याओं के समाधान के लि ये यह यंत्र बहुत कारगर सिद्ध होता है। इसलिए उपरोक्त समस्याओं के निदान के लिए यह यन्त्र धारण करना चाहिए |

नर्मदेश्वर शिवलिंग:-
नर्मदा नदी से निकलने वाले शिवलिंग को नर्मदेश्वर कहा जाता है. नर्मदा नदी को शिव के वरदान के कारण इससे प्राप्त होने वाले शिवलिंग को इतना ज्यादा पवित्र माना जाता है. वरदान के कारण नर्मदा नदी का कण-कण शिव माना जाता है. नर्मदा नदी के शिवलिंग को सीधा ही स्थापित किया जा सकता है, इसके प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती है. कहा जाता है कि, जहां नर्मदेश्वर का वास होता है, वहां काल और यम का भय नहीं होता है. व्यक्ति समस्त सुखों का भोग करता हुआ शिवलोक तक जाता है.
शालिग्राम:-
शालिग्राम वो ज्यामीतिय पवित्र पत्थर है जिसे नारायण यानी भगवान विष्णु का विग्रह कहा जाता है। आमतौर पर इसे तुलसी के पौधे में जड़ के पास रखा जाता है। शालिग्राम पत्थर साक्षात भगवान विष्णु का स्वरूप ही कहा जाता है।
पारद श्रीयंत्र :-
हिंदू तंत्र शास्त्रों में लक्ष्मी को प्रसन्न करने के अनेक उपाय और साधन बताए गए हैं। उनमें से सबसे सटीक, चमत्कारिक और तुरंत लाभ पहुंचाने वाला साधन है पारद। पारद को साक्षात भगवान शिव का बीज माना गया है। इसलिए पारद को संस्कारित करके बनाया गया श्रीयंत्र अपने आप में प्रतिष्ठित और लक्ष्मी प्रदायक होता है। तंत्र ग्रंथों में श्रीयंत्र को मां लक्ष्मी का देह स्वरूप माना गया है और यह शिव बीज से बना होना अत्यंत ही लाभदायक होता है। अपने घर, प्रतिष्ठान, दुकान आदि में पारद का श्रीयंत्र रखने से वहां लक्ष्मी का स्थायी निवास हो जाता है। वहां कभी धन की कमी नहीं होती।
कालसर्प दोष निवारण यंत्र:-
कालसर्प दोष निवारण यंत्र के प्रभाव से व्यक्ति को मुसीबतों से लडने की शक्ति और साहस मिलता है।यह यंत्र आपको बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा प्रदान करता है।इस यंत्र की मदद से स्वास्थ्य संबंधित परेशानियाँ दूर हो जाती है।इस यंत्र को स्थापित करने से कालसर्प दोष के प्रभावों से मुक्ति मिल जाती है।
पारद शिवलिंग:-
नए साल को सुखमय और समृद्धि दायक बनाने के लिए हर रोज पारद शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। वेदों और पुराणों में पारद को बहुत खास और चमत्कारिक माना गया है। पारद चांदी और पारे के मिश्रण से बना होता है। पारद शिवलिंग की पूजा करने से ना केवल आपको भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होगा बल्कि लक्ष्मी माता की भी आप पर कृपा बनी रहेगी। साथ ही इस शिवलिंग की पूजा करने से विभिन्न प्रकार के ग्रह-दोष से भा शांति मिलती है। ब्रह्म पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति हर रोज पारद शिवलिंग की पूजा करता है, उसको मोक्ष की प्राप्ति होती
बजर बट्टू (नजर बट्टू या बिजूका) यंत्र :-
बजर बट्टू को नजर बट्टू या बिजूका भी कहा जाता है. आपने अक्सर नजर बट्टू को घर के दरवाजे, बालकनी या किसी ऐसी जगह जहां सबकी नजर जाती हो वहां जरूर देखा होगा. ऐसा माना जाता है कि बजर बट्टू घर को बुरी नजर के प्रभाव से बचाता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि बजर बट्टू को घर में कैसे लगाया जाए और किस तरह से ये आपको नेगेटिव एनर्जी के प्रभाव के साथ साथ एक्सीडेंट जैसी दुर्घटनाओं से भी बचाएगाl
व्यापार वृद्धि यंत्र:-
अगर किसी व्यक्ति को बिजनेस में घाटा हो रहा है, या फिर नया व्यापार शुरु कर रहे हैं, तो व्यापार वृद्धि यंत्र मंगलकारी साबित हो सकता है. इतना ही नहीं, लेन-देन करते समय इस यंत्र का पूजन और दर्शन करने से सफलता हासिल होती है. अगर आपकी लाख कोशिशों के बाद भी व्यापार में घाटा हो रहा है, तो व्यापार वृद्धि यंत्र को अपने दुकान की पूर्व या उत्तर दिशा में स्थापित करें.
कुबेर यंत्र:-
इस यंत्र की स्थापना से दरिद्रता का नाश होता है। धन में वृद्धि होने के साथ-साथ मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। वहीं जो लोग नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं उनके लिए भी ये यंत्र कल्याणकारी माना गया है। व्यापारियों के लिए भी यह यंत्र अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है। कुबेर यंत्र को गल्ले की तिजोरी या फिर अलमारी में रखा जाता है। इसकी स्थापना से धन को किसी की बुरी नजर नहीं लगती। इसके प्रभाव से धन सदैव संचित रहता है।
वास्तुदोष निवारण यंत्र:-
वास्तु दोष निवारण यंत्र को स्थापित करने से नवग्रहों का शुभ फल प्राप्त होता है। इस यंत्र की स्थापना के बाद वास्तुदोष से जुड़ी सभी परेशानियों से राहत मिल सकती है। घर के कलह-क्लेश को दूर करने के लिए भी इस यंत्र का प्रयोग किया जाता है। यदि आपके घर में हमेशा तनाव की स्थिति बनी रहती है तो यह इसको भी दूर करता है। वास्तुदोष निवारण यंत्र से रोग-पीडा़ और दरिद्रता का नाश होता है और धन-वैभव की इच्छा पूरी होती है। इस यंत्र को स्थापित करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वास्तुदोष निवारण यंत्र को स्थापित करके आप अपने घर में बिना तोड़-फोड के वास्तुदोष को दूर कर सकते हैं।
सर्वकार्य सिद्धि यंत्र:-
सर्वकार्य सिद्धि यंत्र से आपको भाग्य, प्रसिद्धि, हर कार्य में सफलता की प्राप्ति होती है। यह यंत्र आपके करियर और व्यापार में आ रही मुश्किलों को दूर करता है। इस यंत्र की स्थापना करने से आपको नए अवसर और धन की प्राप्ति होती है।
स्फटिक श्री यंत्र:-
स्फटिक श्री यंत्र से महालक्ष्मी का पूजन करने से धन वर्षा होती है। महालक्ष्मी के दिन इसी यंत्र से देवी की पूजा करनी चाहिए। बाजार में स्फटिक से बनी माला, नंदी, गणेश, शिवलिंग, गौरी माता भी हैं। इनके पूजन से धन, धान्य, वैभव, ऐश्वर्य, सुख, समृद्धि, घर में शांति, पति-पत्नी में मधुर संबंध बनते हैं।


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